किसानों के लिए बड़ी राहत! सरकार ने धान पर MSP के साथ 100 रुपये का बोनस देने की घोषणा
झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में धान पर MSP के अलावा 100 रुपये का बोनस देने की घोषणा की है। राज्य सरकार 6 लाख टन धान खरीदने के साथ-साथ कई अन्य योजनाओं को भी लागू कर रही है।
किसानों के लिए बड़ी राहत! सरकार ने धान पर MSP के साथ 100 रुपये का बोनस देने की घोषणा
खेत तक, न्यू दिल्ली, झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए धान किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि उन्हें केंद्र के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी मिलेगा। इस फैसले से राज्य के लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में 60 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।
राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिससे किसानों को धान की फसल के उचित मूल्य प्राप्त हो सकेंगे। मंत्रिमंडल सचिव वंदना दादेल ने जानकारी देते हुए कहा, “मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी के साथ-साथ धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।” इस निर्णय के लिए कुल 60 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जो किसानों के लिए आर्थिक मदद साबित होगी।
6 लाख टन धान की खरीद
झारखंड सरकार ने किसानों से इस सत्र में 6 लाख टन धान खरीदने का भी निर्णय लिया है। इससे किसानों को एक स्थायी बाजार मिलेगा और उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा। सरकार के इस फैसले से धान उत्पादकों को अपनी उपज बेचने में कोई समस्या नहीं होगी और उनकी आय में वृद्धि होगी।
भारत के प्रमुख धान उत्पादक राज्य
भारत में धान का उत्पादन बहुत बड़े स्तर पर होता है। 2023-24 के अनुमानों के अनुसार, देश में कुल 1,367 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन होने की संभावना है।
तेलंगाना इस क्षेत्र में सबसे आगे है, जहां 166.31 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन होता है। इसके बाद उत्तर प्रदेश 166.31 लाख मीट्रिक टन के साथ दूसरे स्थान पर और पश्चिम बंगाल 151.18 लाख मीट्रिक टन के साथ तीसरे स्थान पर है।
किसानों के लिए नई योजनाएं
झारखंड सरकार ने राज्य भर में ‘जल सहिया’ के रूप में काम कर रही 29,604 महिलाओं को स्मार्टफोन प्रदान करने का भी निर्णय लिया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा। इससे महिलाओं को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ा जाएगा और उन्हें नई तकनीकों से अवगत कराया जाएगा।